शायरी कैसे लिखें :- उर्दू शब्दकोश
उर्दू और हिंदी में बड़े से बड़े शायर कवि, महाकवि हुए जिनकी शायरी और गजलें हजारों सालों से अमर है। कभी ग़ालिब ने कहा था - "गा़लिब बुरा ना मान जो वाइज़ बुरा कहे, ऐसा भी है कोई कि सब अच्छा कहे जिसे।" ग़ालिब भी मानते थे कि तुम कुछ भी लिखोगे लोग गलत ही कहेंगे तो इस बात पर ध्यान देने से कोई मतलब नहीं कि लोग क्या कहेंगे मगर वर्तनी और सार्थकता का ध्यान रखना जरूरी है। शायर या सुख़नवर वह है जो अपने जज्बातों को ऐसे बयां करे है कि सुनने वाले को पसंद भी आये और अपनी बात भी पहुंच जाये। लिखना बड़ी बात नहीं मगर सही शब्दों का प्रयोग जरूरी है साथ ही हिन्दी की मात्राओं और मीटर क़ाफिया रदीफ का ज्ञान भी जरूरी है। इसलिए अच्छी और सच्ची शायरी/ग़ज़ल लिखने के लिए एक शायर को इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है:- मिसरा/जुमला:- शायरी की पंक्तियों को मिसरा भी कहते हैं। शेर:- दो जुमलों या पंक्तियों से मिलकर बनी बात को शेर कहते हैं जिसका कोई भाव या अर्थ होता है। " हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम , वो कत्ल भी करते हैं तो चर्चा न...
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बहुत धन्यवाद इस प्रोत्साहन के लिए